
हम सभी का स्वागत हुआ कंपनी के आधिकारिक ब्लॉग स्पॉट पर खुशियों भरा अद्यतन द्वारा , जहां कंपनी ने कारोबार के जल्द पुनः आरंभ होने की संभावना के बारे में हमें सूचित किया है.
मैं आपके अवलोकन के लिए कंपनी अद्यतन पुन: पेश करता हूँ.
"जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कंपनी सक्रिय रूप से वर्तमान संकट को सुलझाने में लगी हुई है, जिसका पिछले ग्यारह महीनों से सामना कर रही है. यह यात्रा लंबी और कठिन रही है और हम सभी ने बहुत अच्छा प्रयास किया , परिस्थिति का मुकाबला करने में . अब हमारे पास कारण है , ये विश्वास करने के लिए, कि हम जल्द ही मौजूदा गतिरोध को हल करने में सक्षम होंगे.
जैसा कि पहले उल्लेख किया है, भारत में कंपनी का एक स्थायी संस्थापना (PE) खोलने के लिए प्रयास चल रहे हैं, ताकि यह भारत में एक स्थानीय कंपनी के रूप में कारोबार फिर से शुरू करने में सक्षम हो , पर्याप्त स्थानीय कानूनों के अनुसार.
मैं उपरोक्त शब्दों पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ. जैसा कि मैंने मेरे पिछले अद्यतन में उल्लेख किया है, हम पनेलिस्ट्स को मुख्य रूप से पुनरारंभ के लिए चिंतित होना चाहिए और इसके लिए हमें पूरी तरह से कंपनी के निर्णय और एक जल्दी वापस आने की क्षमता पर निर्भर होना होगा . इतिहास गवाह है कि कंपनी को एक प्रतिष्ठित सलाह्गारों कि टीम ने सामर्थ्य के साथ सलाह दी है और हमें सुरक्षित महसूस करना चाहिए, कि हमारा मामला ऐसे दिग्गजों के सुरक्षित हाथों में है.
मैंने बार बार Speakasians के इस शानदार अद्भुत परिवार से आग्रह किया है कि हमें अदालत के विभिन्न मामलों पर ध्यान देना बंद करना चाहिए और उपरोक्त पंख्तियों पर ध्यान देना चाहिए, जिसमे स्पष्ट रूप से हमें सूचित किया है, कि बुद्धिमानी में कंपनी ने घोषणा की है कि उनके पास कारण है विश्वास करने के लिए, कि वे वर्तमान मामला, जल्द ही हल करने में सक्षम होंगे . कंपनी का आगे कहना है कि सभी प्रयास चल रहे हैं, भारत में एक PE खोलने के लिए.
कंपनी द्वारा दिए गए ये बयान हमारे कानों में सुरीला संगीत जैसे होना चाहिए, लेकिन हम विभिन्न अदालती मामलों के कोलाहल से बेहेरे होते हैं और इन सरल शब्दों के सुरीले संगीत का आनंद नहीं ले पाते हैं.
एक बार फिर मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ, कि अपना ध्यान सिर्फ व्यापार के पुनः आरंभ पर केंद्रित रखिये, जिसका कंपनीने हमें आज सुबह के पत्र में आश्वासन दिया है. महान अर्जुन और चिड़िया की आंख पर उसके ध्यान की प्रसिद्ध कहानी याद कीजिये.
माननीय सुप्रीम कोर्ट में आज दोनों मामलों में क्या हुआ है, मुझे समझाने की अनुमति दें:
SLP (अपराधी) ७५०९ और ७५१०/ २०११
:यदि आप को याद होगा पिछली तारीख, २३ मार्च २०१२ , को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था:
" प्रतिवादी (सीबी - सीआईडी) की ओर से परिचालित पत्र.देखा (पढ़ा). पत्र में किए गए प्रकथन को ध्यान में रखते हुए चार सप्ताह का समय, प्रति शपथ पत्र (जवाबी हलफनामा) दाखिल करने के लिए प्रदान किया जाता है".
इस आदेश का सीधा मतलब है कि सीबी - सीआईडी ने कुछ बयान दिए थे, जिसका अदालत ने उन से एक शपथ - पत्र के रूप में प्रस्तुत करने को कहा. सीबी - सीआईडी को इस मामले में यह शपथ पत्र आज प्रस्तुत करना था.
आज माननीय न्यायालय ने निम्नलिखित आदेश पारित किया है:
"पत्र देखा (पढ़ा). उत्तरदाताओं (सीबी - सीआईडी) के लिए विद्वान वकील द्वारा किए गए अनुरोध को मद्देनजर रखते हुए , प्रति शपथ पत्र (जवाबी हलफनामा) दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय प्रदान किया जाता है".
सरल पढ़ने से पता चलता है कि सीबी - सीआईडी के वकील ने चार अधिक सप्ताह की मांग की है, २३ मार्च २०१२ पर अपने दिए गए बयान का हलफनामा दायर करने के लिए . हम आसानी से समझ सकते हैं क्यों वकील को आठ सप्ताह की जरूरत है, सिर्फ शपथपूर्वक कहने के लिए, जो अपने पत्र में कहा गया है. हम Speakasians , अधिकारियों द्वारा ऐसे समय बर्बाद करने वाली रणनीति का आवेग (घात), पहले ही भुगत चुके हैं, है ना .
हालांकि, यह इस विशेष मामले में देरी का मतलब है, लेकिन जैसा कि मैंने पहले कहा है कि हमें हमारा ध्यान अदालती मामलों की भूलभुलैया से बाहर निकालकर, व्यापार के पुनः आरंभ पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है.
WP ३८३/२०११ :
यह मामला सोमवार ३० अप्रैल २०१२, को सुना जाना तय था. अब सुप्रीम कोर्ट के वेब साइट पर अगली तारीख १३ जुलाई २०१२, दिखा रही है.
क्या हुआ है, मुझे समझाने की अनुमति दें:
न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी Hague में हैं , अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ), के एशिया के लिए नैमित्तिक न्यायाधीश के रिक्त पद के चुनाव में भाग लेने के लिए, जो आज यानी २७ अप्रैल २०१२, को आयोजित किया गया था . न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी जो सुप्रीम कोर्ट के तीसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश है, इस रिक्त पद के लिए भारत से नामांकित है.
इस वजह से, न्यायमूर्ति भंडारी सोमवार को माननीय सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते हैं, और स्वाभाविक रूप से सभी मामलों जो उनके समक्ष सूचीबद्ध थे , अगली तारीख के लिए स्थगित कर दिए गए हैं, जो कंप्यूटर द्वारा उत्पन्न होता है.
लेकिन सलाहगारों की कार्रवाई की योजना है कि मंगलवार तक इंतज़ार करेंगे जब न्यायमूर्ति भंडारी, अपना कार्यभार फिर से शुरू करेंगे और फिर अगले सप्ताह ही में सुनवाई के लिए तत्काल listing के लिए जोर देंगे . मैं एक इसी तरह की घटना पर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ , जब नवंबर से कुछ समय पहले, हमने जाना कि यही मामला दिवाली की छुट्टियों के बाद स्थगित कर दिया गया था ,लेकिन हमारी सक्षम कानूनी टीम ने उस समय भी स्थिति को सम्भाला था और हमारे पक्ष में वापस खींच लिया था. मुझे सही याद है, कि वापस खींच ली तारीख पर ही माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थ की नियुक्ति की थी
.तो हमें इस तारीख में अचानक बदलाव से ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए, और मंगलवार का हम सभी को इंतजार करना चाहिए जब तय होगा क्या किया जाना चाहिए. और अगर हमें अतीत को देखकर भविष्य को समझना चाहिए, तो हमें इस मामले में सकारात्मक महसूस करना चाहिए, क्योंकि जब पिछली बार मामला वापस खींच लिया गया था हमें एक बहुत बड़ा फायदा हुआ था, जब हमारे मामले में मध्यस्थ नियुक्त हुए थे.
मैं एक बार फिर से परिवार के ध्यान में लाना चाहता हूँ, कि मैंने हमेशा कहा है कि कानूनी लड़ाई रोलर कोस्टर (ऊपर नीचे जाने वाली पटरी) की सवारी की तरह हैं और सिर्फ बहादुर दिलवालों के लिए है. फिर आश्चर्य नहीं है कि हर रोलर कोस्टर की सवारी के प्रवेश द्वार पर एक वैधानिक चेतावनी होती है, " कमजोर दिल वाले सवारी से बचिए" और मुझे यकीन है कि सभी Speakasians बहादुर दिलवाले और दबंग हैं.
तो चिंता मत कीजिये, खुश रहिये, इसको भी देख लेंगे, यह भी बीत जाएगा .
धैर्य रखिये , विश्वास रखिये , अपनी कंपनी पर भरोसा रखिये..
हम वापस आ रहे हैं
Send Suggestion and Comment